Posts

Showing posts from March, 2022

चोल प्रशासन की विशेषता क्या थी?

Image
पालवंश का वह कौनसा शासक था, जिसने सर्वप्रथम त्रिपक्षीय संघर्ष में भाग लिया? 1. देवपाल  2. धर्मपाल 3. गोपाल 4. महीपाल उत्तर- 2 राष्ट्रकूटों के सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रतिद्वन्द्वी निम्न में से कौन थे? 1. कांची के पल्लव 2. वेंगी के चालुक्य 3. बिहार और बंगाल के पाल 4. कन्नौज के प्रतिहार उत्तर- 4 त्रिपक्षीय संघर्ष में शामिल तीनों प्रतिद्वन्द्वी शक्तियों-पाल, प्रतिहार एवं राष्ट्रकूट का पतन लगभग एक साथ ही हुआ, जिसका कारण था- सीडीएस द्वितीय, 2002 1. उन तीनों की शक्ति लगभग एक समान थी। 2. कन्नौज पर अधिकार करने के लिए लगातार संषर्घ में लगे रहने के कारण तीनों ने आन्तरिक शक्तियों की ओर ध्यान नहीं दिया, जिससे सामन्तों द्वारा स्वतंत्र राज्यों की स्थापना कर दी गई। 3. हमेशा युद्धरत रहने के कारण सैनिक शक्तियों को बनाए रखने के लिए तीनों राष्ट्रों के राजस्व के साधनों पर अत्यधिक दबाव  4. उपरोक्त सभी उत्तर- 4 किस पाल शासक ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की? 1. धर्मपाल 2. देवपाल 3. रामपाल 4. गोपाल उत्तर- 1 राजराजा प्रथम द्वारा चेरों, पाण्ड्यों एवं श्रीलंका को पराजित किया गया, जिसके पीछे मुख्य ...

प्राचीन भारत के आधुनिक इतिहासकार

Image
  1784 ई. में ‘एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल’ के संस्थापक सर विलियम जोंस   1837 ई. में अशोक के अभिलेखों को पढ़ने वाले जेम्स प्रिंसेप, 1861 ई. में भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना करने वाले अलेक्जेण्डर कनिंघम तथा 1924 में हडप्पा संस्कृति के छिपे साक्ष्यों को उजागर करने वाले जॉन मार्शल आदि ने प्राचीन भारतीय इतिहास को प्रकाशित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। मैक्समूलर 1823-1902: मूलतः जर्मनी निवासी ‘सेक्रेड बुक्स ऑफ दि ईस्ट’ के पचास खण्डों का सम्पादन किया। विंसेन्ट स्मिथ 1843-1920 ई.  ‘अर्ली हिस्ट्री ऑफ इण्डिया’ 1904 ई. प्रकाशित। भारत में विदेशियों की भूमिका पर बल। डी.आर. भण्डारकर 1875-1950 ई. देवदत्त रामकृष्ण भण्डारकर भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार इन्होंने अपने ग्रंथों में पुरालेखीय एवं अन्य पुरातात्विक सामग्री का समुचित उपयोग किया है। अशोक और प्राचीन भारत की राजव्यवस्था पर लिखे इनके ऐतिहासिक ग्रंथों ने अनेक भ्रांतियों का निवारण किया है। काशीप्रसाद जायसवाल 1881-1937  ‘हिन्दू पॉलिटी’ नामक इतिहास ग्रंथ,1924 में वंशगत राज्य पद्धति के अतिरिक्त ...

राजस्थान के प्रमुख शोध संस्थान एवं संग्रहालय

  राजस्थान में आजादी से पूर्व विभिन्न रियासतों ने कला का संरक्षण एवं उसे प्रोत्साहन देने का कार्य किया गया है। इस दौरान करीब 10 कला संग्रहालय स्थापित किए गए थे।  सबसे पहले जयपुर में महाराजा रामसिंह के शासनकाल में वर्ष 1876 में प्रिंस अल्बर्ट ने संग्रहालय की नींव रखी और इसका नाम अल्बर्ट म्यूजियम रखा गया। अजमेर के ऐतिहासिक दुर्ग अकबर का किला में राजपूताना म्यूजियम की स्थापना वर्ष 1908 में गवर्नर जनरल के एजेंट द्वारा की गई। जोधपुर में 1909 में तथा हाड़ौती क्षेत्र में 1915 में झालावाड़ में पहला संग्रहालय स्थापित किया गया। बीकानेर में इटली के भाषाविज्ञ एवं कला विद्वान डॉ. एल.पी. टेसीटोरी को आमंत्रित कर एक विस्तृत सर्वेक्षण करवाकर गंगानगर-बीकानेर क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण पुरासामग्री का संकलन करके 1937 में संग्रहालय की स्थापना की गई। 1940 ई. में अलवर में, 1944 ई. में भरतपुर एवं कोटा में तथा 1949 ई. में आमेर संग्रहालय की स्थापना हुई। वर्ष 1950 में पुरातत्त्व एवं संग्रहालय विभाग का गठन किया गया और वर्ष 1965 में माउंट आबू और वर्ष 1968 में मंडोर संग्रहालय स्थापित किए गए। प्रमुख कला संस्था...

बिजौलिया किसान आंदोलन को समूचे भारत में चर्चा का विषय किस समाचार पत्र ने बनाया?

किस समाचार पत्र के माध्यम से विजय सिंह पथिक ने बिजौलिया किसान आंदोलन को समूचे भारत में चर्चा का विषय बनाया? 1. नवीन राजस्थान  2. प्रताप 3. तरुण राजस्थान 4. युगान्तर उत्तर- 2 'प्रताप' समाचार पत्र के माध्यम से विजय सिंह पथिक ने बिजौलिया किसान आंदोलन को समूचे भारत में चर्चित कर दिया। बिजौलिया किसान आंदोलन मेवाड़ राज्य के किसानों द्वारा 1897 ई. में शुरू किया गया था। इस आंदोलन का नेतृत्व प्रारम्भ में साधु सीताराम दास ने किया। बाद में विजय सिंह पथिक और माणिक्यलाल वर्मा ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया। बिजौलिया आन्दोलन के दौरान 1922 के समझौते के प्रति बिजौलिया जागीरदार का रवैया क्या था? 1. पूर्ण रूप से स्वीकार 2. लागू करने को मना किया 3. महाराणा के विवेक पर छोड़ दिया 4. ब्रिटिश सरकार को प्रेषित कर दिया उत्तर- 2

मुगल कालीन स्थापत्य कला

मुगल कालीन स्थापत्य कला   दिल्ली सल्तनत काल में प्रचलित वास्तुकला की ‘भारतीय इस्लामी शैली’ का विकास मुगल काल में हुआ। भारतीय वास्तु पर इस समय फारसी प्रभाव पडा। विद्वानों ने इस मिश्रित शैली को इण्डों परशियन शैली नाम दिया है। इस शैली का जन्म हिन्दू, मुस्लिम, जैन, बौद्ध, राजपूत, ईरानी तथा अरबी-बगदादी वास्तुकला शैलियों के तत्वों के मिश्रण से हुआ। मुगलकाल को उसकी बहुमुखी सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण भारतीय इतिहास का ‘द्वितीय क्लासिकी युग’ कहा गया है। मुगलकालीन वास्तुकला में फारस, तुर्की, मध्य एशिया, गुजरात, बंगाल, जौनपुर आदि स्थानों की शैलियों का अनोखा मिश्रण हुआ था। पर्सी ब्राउन ने ‘मुगलकाल’ को भारतीय वास्तुकला का ग्रीष्म काल माना है, जो प्रकाश और उर्वरा का प्रतीक माना जाता है। स्मिथ ने मुगलकालीन वास्तुकला को कला की रानी कहा है। बाबर  वह हिन्दू शैली में निर्मित ग्वालियर के मानसिंह एवं विक्रमजीत सिंह के महलों से सर्वाधिक प्रभावित था। बाबरनामा में तत्कालीन स्थानीय वास्तुकला में संतुलन या सुडौलपन का अभाव था। बाबर के समय के भवनों में ईरानी प्रभाव अधिक था। अतः बाबर ने अपने निर्...

'पाहुड दोहा' के रचनाकार हैं

'पाहुड दोहा'(Pahud Doha) कृति के कृतिकार कौन हैं? 1. धनपाल 2. देवसेन   3. आचार्य हेमचन्द्र 4. मुनि रामसिंह जैन  उत्तर- 4 मध्यकाल के प्रसिद्ध मुनि रामसिंह का पाहुड दोहा अपभ्रंश की एक महत्वपूर्ण कृति है। उसमें वे सभी प्रवृत्तियां मौजूद थीं, जो आगे चलकर हिन्दी के निर्गुणकाव्य की विशेषता बनीं। उनमें रहस्यवाद प्रमुख है। निम्नलिखित काव्य पंक्तियों को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए: सूची-I            सूची-II (A) प्रिय स्वतंत्र-रव-अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे।    (i) जयशंकर प्रसाद (B) इस पार प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा। (ii) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' (C) अरे कहीं देखा है तुमने मुझे प्यार करने वाले को (iii) हरिवंशराय बच्चन (D) यह मंदिर का दीप इसे नीरव जलने दो।       (iv) महादेवी वर्मा                                        (v) सुमित्रानंदन पंत कोड:     (A) (B) (C) (D) (a)  i  ii...

राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में देश में पहले स्थान पर

  राजस्थान सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करने के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर आ गया है।  केन्द्र सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 31 जनवरी, 22 तक के जारी आंकड़ों के अुनसार राजस्थान ने 10 गीगावाट से अधिक सोलर ऊर्जा क्षमता विकसित कर कर्नाटक और गुजरात राज्यों को काफी पीछे छोड़ दिया है। अब देश में कुल उत्पादित सौर ऊर्जा क्षमता में अकेले राजस्थान की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार देश में 49346 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता का उत्पादन हो रहा है। जिसमें से राजस्थान में 10506 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता का उत्पादन किया जा रहा है और वह देश का शीर्ष राज्य है। देश के सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करने वाले 3 शीर्ष राज्य राजस्थान: 10506 मेगावाट कर्नाटक: 7534 मेगावाट गुजरात: 6309 मेगावाट   राजस्थान में सौर ऊर्जा 10506 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता में 9542 मेगावाट क्षमता ग्राउण्ड माउंटेड, 668 मेगावाट रूफटॉप और 296 मेगावाट सौर ऊर्जा ऑफ ग्रिड क्षेत्र में विकसित की गई है। राज्य सरकार द्वारा दिसंबर, 2019 में राजस्थान सौर ऊर्जा नीति और राजस्थान पवन व हाईब्रिड नीति जारी की।...

मनुस्मृति का टीकाकार

Image
  सर्ग , प्रतिसर्ग , वंश , मन्वंतर और वंशानुचरित संकेतक हैं- अ. वेदों के  ब. पुराणों के स. उपनिषदों के द. सूत्रों के उत्तर-   ब   निम्नलिखित में से मनुस्मृति का टीकाकार कौन था ? अ. असहाय ब. विश्वरूप स. भट्टस्वामी द. मेधातिथि उत्तर-   द   ' कौसेय ' शब्द का प्रयोग किया गया है ? अ. कपास के लिये ब. सन के लिये स. रेशम के लिये द. ऊन के लिये उत्तर-   स   व्याख्या: कौसेय शब्द का प्रयोग रेशम के लिए किया जाता था। इससे निर्मित उत्तरीय वस्त्र जिसे साधु या संन्यासी धारण करते थे उसे दुकूल , कौसेय कहा जाता था।   निम्नलिखित में से किसने आर्कटिक क्षेत्र को आर्य भाषा — भाषियों के मूल स्थान होने के सिद्धांत का प्रतिपादन किया ? अ. मैक्समूलर ब. एडवर्ड मेयर स. बाल गंगाधर तिलक द. हर्जफील्ड उत्तर-   स   निम्नलिखित में से कौन मुनस्मृति के भाष्यकार नहीं हैं ? अ. भारुचि ब. मेधातिथि स. गोविन्दराज द. असहाय उत्तर-   द   निम्नलिखित युग्मों में से कौन सुमेलित नहीं है ? ग्रंथ ...