चौहान वंश
चौहान वंश की उत्पत्ति संबंधी मत अग्निवंश संबंधी मत भाटों और चारणों ने चौहानों को अग्निवंशीय बताया है। जिसका मूल आधार चन्दवरदाई का पृथ्वीराज रासो है, इसमें राजपूतों की उत्पत्ति अग्निकुण्ड से बताई है। आबू पर्वत पर निवास करने वाले विश्वामित्र, गौतम, अगस्त्य ऋषियों ने धार्मिक अनुष्ठान किया जिसके यज्ञ कुण्ड से परमार, प्रतिहार, चालुक्य और चौहान योद्धाओं की उत्पत्ति हुई। सूर्यवंश संबंधी मत पृथ्वीराज विजय, हम्मीर महाकाव्य, हम्मीर रासो आदि ग्रन्थों में उन्हें सूर्यवंशीय माना है और डॉ. हीराचंद ओझा ने इस मत की पुष्टि की है। सीकर जिले के हर्षनाथ मन्दिर से प्राप्त शिलालेख में चौहानों को सूर्यवंशी कहा गया है। 1545 ई. में रचित 'कान्हड़दे प्रबंन्ध' नामक पुस्तक में चौहानों को सूर्यवंशी माना गया है। चन्द्रवंशी संबंधी मत अचलेश्वर मंदिर (माउंट आबू) का लेख और बंशी शिलालेख (1177 ई.) में चौहानों को चंद्रवंशी माना है। ब्राह्मण संबंधी मत बिजोलिया शिलालेख में चौहानों को वत्सगोत्रीय ब्राह्मण बताया गया है। डॉ. दशरथ शर्मा ने चौहानों को ब्राह्मणों की संतान बताया है और डॉ....