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Showing posts from December, 2022

हिन्दी का प्रथम चम्पू काव्य ग्रंथ है?

 राउलवेल/राउरवेलि   यह हिन्दी साहित्य की प्राचीनतम हिंदी कृति है, जिसे गद्य-पद्य मिश्रित चम्पू-काव्य में लिखा गया है। राउलवेल का अर्थ राजकुल का विलास होता है।   इसके रचयिता रोढ़ा नामक कवि है।  इसका रचना काल 10वीं शताब्दी माना है।  यह एक शिलांकित कृति है। ये शिलाएं मालवा क्षेत्र के धार जिले (मध्य प्रदेश) से प्राप्त हुए हैं।  वर्तमान में मुम्बई के प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय में सुरक्षित रखी गई है।  इसकी रचना ''राउल'' नायिका के नख-शिख वर्णन के प्रसंग में हुई है।  आरम्भ में कवि ने राउल के सौंदर्य का वर्णन पद्य में किया है और फिर गद्य का प्रयोग किया गया है।  इस कृति से ही हिन्दी में नख-शिख वर्णन परम्परा आरम्भ होती है।  इसकी भाषा में हिन्दी की सात बोलियों के शब्द मिलते हैं, जिनमें राजस्थानी प्रधान है।  कवि ने विषय वर्णन बड़ी तन्मयता से किया है।  नायिका राउल का श्रृंगार आकर्षण से भरा हुआ है। वह सहज रूप में जितनी सुन्दर है उतनी ही सहज सुन्दर उसकी सज्जा भी है। इस सौन्दर्य के अनुकूल ही उसकी भाव-दशा भी है।  राउलवेल का सर्व...

राजस्थान की प्रमुख जनजातियों से संबंधित महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

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rajasthan-ki-janjatiyon-se-sambandhit-mahatvpuran-objective-quiz गरासिया जनजाति    राजस्थान में मीणा व भील के पश्चात् तीसरी बड़ी जनजाति है? 1. सांसी 2. गरासिया 3. डामोर 4. सहरिया उत्तर- 2 निम्न में से कौनसी प्रथा गरासिया जनजाति की नहीं है? 1. मोरबंधिया 2. पहरावनी 3. ताणना 4. डाम उत्तर- 4 गरासिया जनजाति का मुख्य त्यौहार है? 1. दीपावली 2. शिवरात्रि 3. तीज 4. होली उत्तर- 4 मीणा जनजाति मीणा जनजाति मुख्यत: कितने वर्गों में बंटी है? 1. 2 2. 4 3. 5 4. 7 उत्तर- 1 मीणा जनजाति (Meena Janjati) कितनी उपजातियों में बंटी हुई है? 1. 24 2. 12 3. 10 4. 8 उत्तर-4 'मीणा पुराण' किस मुनि द्वारा लिखा गया है? 1. भरत मुनि 2. गालव ऋषि 3. अगस्त्य ऋषि 4. मुनि मगर सागर उत्तर- 4 भील जनजाति भील जनजाति के पुरुष कमर पर जो वस्त्र लपेटे रहते हैं, उसे कहते हैं? 1. पगड़ी 2. कछाबू 3. खोयतु 4. फालू उत्तर- 3 भील जनजाति (Bhil Janjati) के लोगों के घर क्या कहलाते हैं? 1. पाल 2. फैला 3. बस्ती 4. कू उत्तर- 4 भील  जनजाति  स्वयं को किसकी संतान मानती है? 1. मिलाला 2. विष्णु 3. ब्रह्मा 4. महादेव अथवा मुंडा उत्तर- ...

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना को मिला स्कॉच अवार्ड

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Indira Gandhi Matritv Poshan Yojana (IGMPY)   हाल में राजस्थान सरकार की किस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर स्कॉच अवार्ड (scotch award) मिला? 1. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना 2. इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना 3. इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना 4. उपरोक्त में से कोई नहीं  उत्तर- 3 इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना की घोषणा किस बजट में की गई? 1. 2019-20 में 2. 2020-21 में 3. 2021-22 में 4. 2022-23 में उत्तर- 2 इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना की शुरूआत जिन जिलों से की गई, उनमें शामिल नहीं है? 1. उदयपुर 2. बांसवाड़ा 3. झालावाड़ 4. प्रतापगढ़ उत्तर- 3 इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना सभी जिलों में कब से लागू की गई? Indira Gandhi Matritv Poshan Yojana sabhi jilon me kab se lagu ki gai? 1. 19 नवंबर, 2020 को 2. 18 दिसंबर, 2021 को 3. 1  अप्रैल, 2022 को 4. 1 मई, 2022 को उत्तर- 3 व्याख्या - इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का शुभारंभ 19 नवंबर, 2020 को किया गया। 19 दिसंबर, 2022 को राजस्थान सरकार की इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना को राष्ट्रीय स्तर पर स्कॉच अवार्ड के द्वितीय पु...

राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना-2022 का अनुमोदन कब किया गया?

राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना-2022 का अनुमोदन कब किया गया? -राजस्थान मंत्रिमंडल द्वारा 24 नवंबर, 2022 को किया गया।    राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना-2022 के अनुमोदन से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित की जाने वाली पर्यटन इकाइयों जैसे- ग्रामीण गेस्ट हाउस, कृषि पर्यटन इकाई, कैम्पिंग साइट, कैरावैन पार्क की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजित होंगे और स्थानीय लोक कला प्रोत्साहन एवं ग्रामीण हस्तशिल्प को संरक्षण मिलेगा। साथ ही देशी-विदेशी पर्यटक राजस्थान की ग्रामीण संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे। योजना के अंतर्गत ग्रामीण पर्यटन इकाइयों की स्थापना एवं संचालन के प्रावधानों में, इकाइयां 15 फीट चौड़ी सड़क पर न्यूनतम 1000 वर्ग मीटर एवं अधिकतम 2 हैक्टेयर कृषि भूमि पर अनुमत होंगी। इन इकाइयों को भू-संपरिवर्तन एवं बिल्डिंग प्लान अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। इनमें स्टाम्प ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट सहित कई प्रावधान किए गए हैं। ग्रामीण पर्यटन इकाइयों को देय लाभ राज्य सरकार द्वारा राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना-2022 स्थापित ग्राम...

राजस्थान स्थापत्य कला: छतरियां

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  Rajasthan Sthapatya Kala: Chhatariyan छतरियां  राजपूताना में राजाओं के मरणोपरांत उनकी स्मृति में स्थापत्य की दृष्टि से विशिष्ट स्मारक बनाए जाते थे, जिन्हें छतरियां तथा देवल के नाम से जाना जाता है।  स्थापत्य कला की दृष्टि से इन स्मारकों का बहुत महत्व है।  छतरियों का निर्माण हिंदू एवं मुस्लिम स्थापत्य शैलियों में किया गया है। ये अनेक स्तम्भों पर टिकी हुई अष्टकोणीय चबूतरा, गोल गुम्बद, राजपूती मेहराबदार छतरियां, मूर्तिकला और बेलबूटों से सुसज्जित हैं। राजाओं की छतरियों में अधिकतर पगले बने हैं तो शैवों, नाथों की छतरियों में खडाउ, शिवलिंग या नंदी प्रतीक में बने है। इस दृष्टि से जोधपुर के महामंदिर की छतरी विशेष उल्लेखनीय है।    प्रसिद्ध छतरियां Prasiddha  Chhatariyan गैटोर, जयपुर जसवंत थड़ा, जोधुपर छत्र विलास बाग, कोटा बड़ा बाग, जैसलमेर  बड़ा बाग की छतरियां जैसलमेर के पीले पत्थर से निर्मित हैं। 84 खम्भों की छतरी 84 khambhon ki chhatari बूंदी के राव अनिरुद्ध सिंह ने धाबाई देवा की स्मृति में देवपुरा गांव में 1683 ई. में इसका निर्माण करवाया। इसके खम्भों पर...