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Showing posts from May, 2023

आदिकालीन हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियां

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aadikalin-hindi-sahitya-ki-pravrittiyan हिन्दी साहित्य में किसी काल की प्रवृत्तियां उसके उपलब्ध साहित्य सामग्री के आधार पर निर्धारित की जाती हैं। उस समय की साहित्यिक कृतियों का विश्लेषण करने से ज्ञात होता है कि इस काल के साहित्य की क्या विशेषताएं रही हैं। आदिकाल भाषा की दृष्टि से संक्रान्ति काल रहा है और भावों की दृष्टि से आध्यात्मिक तथा चरित्र प्रधान काव्य एवं बाद में वीररस व शृंगारिक रस से युक्त रहा। सातवीं शताब्दी का काल अपभ्रंश साहित्य का अभ्युदय काल था, किन्तु अपभ्रंश में भी धीरे-धीरे अवहट्ठ या पुरानी हिंदी का समावेश हो रहा था, जिसके कारण यह परिनिष्ठित अपभ्रंश या पुरानी हिंदी का रूप धारण कर रही थी फिर भी साहित्यिक प्रवृत्तियां अपना रूप लिए हुए थीं। अतः प्रमुख प्रवृत्तियों का निरूपण करते हैं तो अनेक प्रवृत्तियां सामने आती हैं-  1. वीरगाथात्मक काव्य रचनाएं VirGathatmak Kavya Rachanaen:- आदिकालीन साहित्य में वीरगाथाओं का विशेष प्रचलनथा,जिसमें कवि अपने आश्रयदाताओं की वीरता साहस, शौर्य एवं पराक्रम को अतिरंजित बनाकर प्रस्तुत करते थे। युद्धों का सजीव चित्रण किया जाता था। इन युद्धों ...

अंतर्राष्ट्रीय उड़ान सुरक्षा मानकों में भारत कौन-सी श्रेणी का दर्जा मिला?

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अंतर्राष्ट्रीय उड़ान सुरक्षा मानकों में भारत कौन-सी श्रेणी का दर्जा मिला? 1. दूसरी 2. तीसरी  3. पहली 4. चौथी उत्तर- 3 भारत की अंतर्राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा आकलन रेटिंग श्रेणी 1 में बनी रहेगी क्योंकि देश विमानन सुरक्षा निरीक्षण के लिए अंतर्राट्रीय मानकों को पूरा करता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा विमान संचालन, उड़ान योग्यता और कार्मिक लाइसेंसिंग के क्षेत्रों में नागरिक उड्डय महानिदेशालय का ऑडिट करने के बाद भारत को श्रेणी 1 का दर्जा मिला।  एफएए अपने अंतर्राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा आकलन (International Aviation Security Assessment- IASA) कार्यक्रम के तहत यह निर्धारित करता है कि कोई देश अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का अनुपालन करता है या नहीं। अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (International Civil Aviation Organization) आईसीएओ संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी है, जिसे वर्ष 1944 में स्थापित किया गया था, जिसने शांतिपूर्ण वैश्विक हवाई नेविगेशन के लिए मानकों और प्रक्रियाओं की नींव रखी। अंतर्राष्ट्रीय नागरिक ...

रीतिकालीन काव्य संबंधी महत्वपूर्ण प्रश्न

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ritikalin kavya sambandhi mahatvpurna prashn रीतिकाल नामकरण किसने किया? अ. मिश्रबंधु ब. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र स. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी  उत्तर- स  आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने अपने ग्रन्थ हिन्दी साहित्य का इतिहास में संवत 1700 से संवत् 1900 (सन् 1643 से 1843) तक के काल को उत्तर मध्यकाल अथवा रीतिकाल नाम दिया है। इनमें से कौन रीतिबद्ध कवि नहीं है? अ. मतिराम ब. केशवदास स. घनानंद द. चिंतामणि उत्तर- स व्याख्या इनमें चिन्तामणि, मतिराम, केशवदास आदि रीतिबद्ध से संबंधित कवि हैं, जबकि घनानंद रीतिबद्ध काव्यधारा के कवि  नहीं  है। निम्नलिखित में से कौन-से रीतिसिद्ध कवि हैं? अ. देव ब. बिहारी स. मतिराम द. पदमाकर उत्तर- ब निम्न में से कौनसा कवि रीतिमुक्त धारा से सम्बन्धित नहीं है? 1. घनानन्द 2. ठाकुर 3. गिरधर कविराय 4. देव उत्तर- 4 रीतिमुक्त प्रेमकाव्य की रचना करने वालों में रसखान (Raskhan), घनानन्द (Ghanaanand), आलम (Aalam), बोधा (Bodha), ठाकुर, गुरु गोविन्दसिंह, गिरधर कविराय, बनवारी आदि कवि प्रमुख माने जाते हैं।   रीतिबद्ध कवि चिन्तामणि त्रिपाठी, ...

महंगाई राहत कैंपों का आरंभ किस स्थान से किया गया?

राजस्थान में आमजन को महंगाई से राहत देने के लिए महंगाई राहत कैंपों ( mahangai-rahat-caimp)  का आरंभ किस स्थान से किया गया? - 24 अप्रैल, 2023 को राजस्थान में महंगाई राहत कैंपों का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा महापुरा ग्राम पंचायत (जयपुर) से किया गया।  महंगाई राहत शिविरों में किन योजनाओं के तहत लाभ दिया जा रहा है? - इन शिविरों के माध्यम से मुख्यमंत्री गैस सिलेंडर योजना, मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना (घरेलू), मुख्यमंत्री नि:शुल्क कृषि बिजली योजना, मुख्यमंत्री नि:शुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना एवं मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना आदि का लाभ पात्र लाभार्थियों को दिया जा रहा है।   हाली प्रथा से आशय है-  1. युद्ध के ढोल नगाड़े बजाने वाले एवं सामान ढोने वाले मजदूर से 2. खेतों व घरों पर काम करने वाले मजदूर से 3. विवाह पर दिए जाने वाले दास-दासी से 4. उपरोक्त म...