World History
अमेरिकी स्वतंत्रता का विश्व पर क्या प्रभाव पड़ा?
Impact of American Freedom:
1. Rise of Democratic Nation and Written Constitution:
- A powerful democratic country emerged by the Treaty of Paris. The 13 colonies changed themselves as an independent sovereign country. The states were provided with internal freedom on the basis of a written constitution along with this the federal system was implemented.
- The spirit of citizenship, voting rights, and the principle of equality were accepted in the country. Though for the neegros, original residents and women this principle was not true as such.
1. लोकतांत्रिक राष्ट्र का उदय व लिखित संविधान :-
- 3 दिसंबर, 1783 ई. को हुई पेरिस की संधि से एक शक्तिशाली लोकतांत्रिक राष्ट्र का उदय हुआ। 13 उपनिवेशों ने स्वयं को एक स्वतंत्र सम्प्रभु देश में बदल दिया। इस देश में लिखित संविधान के आधार पर राज्यों को आंतरिक स्वतंत्रता के साथ-साथ संघीय शासन व्यवस्था लागू की गई।
- नागरिकता की भावना, मताधिकार तथा समानता का सिद्धांत देश में स्वीकार किया गया। यद्यपि नीग्रो, मूलनिवासियों एवं महिलाओं के सम्बन्ध में यह सिद्धान्त अक्षरतः सत्य नहीं था।
2. Religious Freedom:
- Education was separated from the way of worship and the way of worship was separated from the state and made it an individual subject. Every individual was given the right to religious liberty.
2. धार्मिक स्वतंत्रता :-
- शिक्षा को उपासना पद्धति से व उपासना पद्धति को राज्य से अलग कर व्यक्तिगत विषय बना दिया गया। प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया।
3. End of Mercantilism:
- After the struggle, the Anglo-American commercial relations reformed in such a way that the principle of mercantilism came to its end. In this theory, the emphasis was on less import and more export.
- The relation of mother nation and colonies was limited up to getting raw materials and sale of finished goods. But the increasing trade between America and England compelled England to leave this policy herself.
3. वाणिज्यवाद का अन्त :-
- इस संघर्ष के बाद इंग्लैण्ड और अमेरिका के व्यापारिक सम्बन्ध इस प्रकार सुधरे कि वाणिज्यवादी सिद्धांत का ही अन्त हो गया। इस सिद्धांत में आयात कम व ज्यादा निर्यात को महत्व दिया जाता था।
- मातृदेश व उपनिवेशों का सम्बन्ध कच्चा माल प्राप्त करने व तैयार माल बेचने तक ही सीमित था। मगर अमेरिका व इंग्लैण्ड के मध्य बढ़ते व्यापार ने इंग्लैण्ड को स्वयं इस नीति को त्यागने पर मजबूर कर दिया।
4. Rise of British Commonwealth:
- The victory of America led the other colonial countries to get stand up against England. England by changing its policy made a commonwealth. Through this England prepared a platform to know the problems of colonial countries so that the incidents like America may not be revived again.
- The devotion for the British emperor. empress in the colonial countries could be maintained. The efforts made for this through this organization.
4. ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल का उदय :-
- अमेरिका की जीत ने अन्य औपनिवेशिक देशों को इंग्लैण्ड के विरुद्ध लड़ने हेतु खड़ा कर दिया। इंग्लैण्ड ने स्वयं उपनिवेशों के प्रति नीति बदलते हुए ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल का निर्माण किया। इस संगठन के माध्यम से इंग्लैण्ड ने औपनिवेशिक देशों की समस्याओं को जानने व समझने का मंच तैयार कर लिया, ताकि अमेरिकी संघर्ष जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं की जा सके।
- इंग्लैण्ड के सम्राट/साम्राज्ञी के प्रति औपनिवेशिक देशों की भक्ति बनी रहे, इसका प्रयास इस संगठन के माध्यम से किया जाने लगा।
5. French Revolution:
- This struggle made the French Revolution inevitable. Participating in the American struggle proved heavy on France. The economic condition of France became weak. France did not get any benefit. The soldiers of France who were indulged in war came to know about political, religious, and social rights. They started demanding these rights in France.
5. फ्रांसिसी क्रांति :-
- इस संघर्ष ने फ्रांस की कांति को अवश्यम्भावी बना दिया। अमेरिकी संघर्ष में भाग लेना फ्रांस को भारी पड़ गया। फ्रांस की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी। साथ ही उसे कोई लाभ भी नहीं मिला। फ्रांस के जिन सैनिकों ने इस संघर्ष में भाग लिया था, उनको राजनीतिक, धार्मिक व सामाजिक अधिकारों का आभास हुआ। वे स्वयं फ्रांस में इन अधिकारों की मांग करने लगे।
6. Benefits to Ireland:
- This American struggle encouraged Ireland to come against England. The Irish people wanted an independent Irish parliament and the end of the restrictions on trade. England also thought on the Irish demands sympathetically and declared the Irish legislature independent.
6. आयरलैण्ड को लाभ :-
- इस अमेरिकी संघर्ष की सफलता ने आयरलैण्ड को भी इंग्लैण्ड के विरुद्ध उठ खड़ा होने का साहस दिया। आयरिश लोग स्वतंत्र आयरिश संसद की स्थापना और व्यापारिक प्रतिबन्धों का अन्त चाहते थे। इंग्लैण्ड ने भी आयरिश लोगों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर वहां की संसद की व्यवस्थापिका को स्वतंत्र कर दिया।
7. Increase in the Power of Parliament:
- As the incapability of the British emperor George III proved in this struggle. So the parliament held Prime Minister Lord North and King George III responsible, as a result by reducing the powers of the king the power of the parliament was reestablished.
7. संसद की शक्ति में बढ़ोतरी
- इस संघर्ष में चूंकि इंग्लैण्ड के सम्राट जॉर्ज तृतीय की अयोग्यता साबित हो गयी थी। अतः संसद ने प्रधानमंत्री लॉर्ड नॉर्थ व राजा जॉर्ज तृतीय को उत्तरदायी ठहराया परिणामस्वरूप राजा की शक्तियों को कम करते हुए संसद की शक्ति को पुनः स्थापित किया गया।
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