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Showing posts from November, 2023

निसार मिशन 2024

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  निसार मिशन 2024 Nisar Mission 2024   नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) मिशन 2024 की पहली तिमाही में लॉन्च किया जाएगा।  इस मिशन का मकसद हर 12 दिन में पृथ्वी की भूमि और बर्फ से ढकी सतहों का सूक्ष्म सर्वेक्षण करना है।  इससे पारिस्थितिक तंत्र में कार्बन भंडारण और उत्थान की गतिशीलता, जलवायु परिवर्तन का बर्फ की चादरों पर असर के अलावा दुनियाभर में समुद्र के जलस्तर में वृद्धि के प्रभाव को समझा जाएगा। निसार का प्रक्षेपण इसरो के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क-2 के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा।  मिशन तीन साल तक चलेगा। प्राकृतिक खतरों को समझने में मददगार  निसार लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) वेधशाला है। इसे इसरो और नासा संयुक्त रूप से विकसित कर रहे हैं।  प्रक्षेपण के बाद निसार हर 12 दिन में पूरी दुनिया का नक्शा तैयार करेगा। यह पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति बायोमास, समुद्र के जलस्तर में वृद्धि, भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन समेत प्राकृतिक खतरों को समझने के लिए सुसंगत डेटा प्रदान करेगा। दो सौर प...

साइमा वाजिद WHO के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की रीजनल डायरेक्टर नामित

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  साइमा वाजिद Saima Wajid मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की बेटी साइमा वाजिद को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र का रीजनल डायरेक्टर नामित किया गया है।  दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए डब्ल्यूएचओ क्षेत्रीय समिति के 76वें सत्र में सदस्य देशों ने साइमा को इस पद पर नामित करने के लिए मतदान किया। साइमा को इस पद के लिए नामित करने के पीछे कई उपलब्धियां रही हैं।  उन्होंने लम्बे समय से ऑटिज्म और मानसिक रोगों के लिए मरीजों के लिए उल्लेखनीय काम किया है।  जीवन परिचय 9 दिसंबर, 1972 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जन्मीं साइमा वाजिद की पहचान एक एक्टिविस्ट के रूप में भी है, जिन्होंने ऑटिज्म के क्षेत्र में काफी काम किया है।  श्रीलंका में जन-स्वास्थ्य नियमों में सुधार ही इनकी हालिया तरक्की का आधार बने हैं।  इन्होंने वहां के लोगों के लिए उल्लेखनीय काम किए।  साइमा की मां शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं और पिता एमए वाजिद एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट रहे हैं।  इन्होंने फ्लोरिडा की बैरे यूनिवर्सिटी से ...

संत चरणदास जी की समाधि कहां स्थित है?

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संत चरणदास जी की समाधि कहां स्थित है? ( Uccha Prathamik Vidyalaya Adhyapak 2022 level-2 samajik adhyayan) A. मेवात  B. अलवर C. दिल्ली  D. भरतपुर उत्तर- C संत चरणदास जी का जन्म अलवर जिले के डेहेरा ग्राम में हुआ था। उनका वास्तविक नाम रंजीत सिंह था। संत चरणदास जी ने चरणदास संप्रदाय की स्थापना की। इनकी समाधि दिल्ली में है। इस संप्रदाय की प्रधान पीठ भी दिल्ली में है। सहजोबाई (सहजोवाणी लिखी), दयाबाई और नूपीबाई संत चरणदास जी की प्रमुख शिष्याएं थीं। इनके अनुयायाी पीले रंग के कपड़े पहनते थे। इन्होंने 42 उपदेश दिए। Sant Charandas Ji Ki samadhi Dilli me hai.