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निसार मिशन 2024
निसार मिशन 2024 Nisar Mission 2024
- नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) मिशन 2024 की पहली तिमाही में लॉन्च किया जाएगा।
- इस मिशन का मकसद हर 12 दिन में पृथ्वी की भूमि और बर्फ से ढकी सतहों का सूक्ष्म सर्वेक्षण करना है।
- इससे पारिस्थितिक तंत्र में कार्बन भंडारण और उत्थान की गतिशीलता, जलवायु परिवर्तन का बर्फ की चादरों पर असर के अलावा दुनियाभर में समुद्र के जलस्तर में वृद्धि के प्रभाव को समझा जाएगा।
- निसार का प्रक्षेपण इसरो के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क-2 के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा।
- मिशन तीन साल तक चलेगा।
प्राकृतिक खतरों को समझने में मददगार
- निसार लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) वेधशाला है। इसे इसरो और नासा संयुक्त रूप से विकसित कर रहे हैं।
- प्रक्षेपण के बाद निसार हर 12 दिन में पूरी दुनिया का नक्शा तैयार करेगा। यह पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति बायोमास, समुद्र के जलस्तर में वृद्धि, भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन समेत प्राकृतिक खतरों को समझने के लिए सुसंगत डेटा प्रदान करेगा।
दो सौर प्रणालियों से होगा संचालन
- निसार में सिंथेटिक अपर्चर रडार इंस्ट्रूमेंट (SAR), एल-बैंड एसएआर, एस-बैंड एसएआर और एंटीना रिफ्लेक्टर होंगे।
- ऑनबोर्ड उपकरण अंतरिक्ष से एक सेंटीमीटर का बदलाव भी देख सकते हैं।
- एसयूवी आकार वाले निसार का द्रव्यमान 2,800 किलोग्राम है।
- यह 4 किलोवाट बिजली प्रदान करने वाली दो सौर प्रणालियों से संचालित होगा।
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