राजस्थान में सतत् विकास लक्ष्य (SDG)
सतत् विकास लक्ष्य (एस.डी.जी.)
एसडीजी, जिन्हें वैश्विक लक्ष्यों के रूप में भी जाना जाता है, को संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों द्वारा गरीबी को समाप्त करने, ग्रह की रक्षा करने और वर्ष 2030 तक सभी लोगों की समृद्धि और शांति सुनिश्चित करने के लिए एक सार्वभौमिक आह्वान के रूप में अपनाया गया है।
इन 17 लक्ष्यों एवं 169 टार्गेट्स को वर्ष 2030 तक अर्जित किया जाना है।
'हमारी दुनिया को बदलना: सतत् विकास के लिए एजेण्डा-2030'
- नीति आयोग द्वारा जारी एस.डी.जी. इंडिया इंडेक्स व डेशबोर्ड के तृतीय संस्करण में भारत के समग्र स्कोर में सुधार हुआ है जोकि वर्ष 2019-20 के 60 से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 66 हो गया है, जो यह दर्शाता हैकि देश S.D.G. को अर्जित करने की अपनी यात्रा में समग्र रूप से आगे बढ़ा है।राजस्थान ने भी अपने समग्र एस.डी.जी. स्कोर में सुधार किया है, यह वर्ष 2019-20 के 57 से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 60 हो गया है।
-राज्य में एस.डी.जी. के प्रभावी मापन एवं मॉनिटरिंग के लिए राज्य की प्राथमिकताओं के अनुरूप राज्य संकेतक फ्रेमवर्क (एस.आई.एफ.) विकसित किया गया है। एस.आई.एफ. वर्जन-2.0 में कुल 330 संकेतक सम्मिलित हैं।
-जिलों में एस.डी.जी. के प्रभावी क्रियान्वयन तथा मॉनिटरिंग करने हेतु जिला संकेतक फ्रेमवर्क (डी.आई.एफ.) विकसित किया गया है। डी.आई.एफ. के वर्जन-2.0 में कुल 226 संकेतक सम्मिलित हैं।
-राजस्थान एसडीजी इंडेक्स का पंचम संस्करण मार्च-2024 में जारी किया गया, जिसकी गणना 14 सतत् विकास लक्ष्यों के 95 संकेतकों पर की गई है।
-राजस्थान एसडीजी इंडेक्स-5.0 में जिला झुंझुनूं सूची में शीर्ष पर है, जबकि जिला जैसलमेर, राजस्थान के 33 जिलों में सबसे अंतिम स्थान पर है।
-राज्य के सतत् विकास के लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और एसडीजी को अर्जित करने वाले अपने प्रयासों को गति प्रदान की है।
-राज्य में एसडीजी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय, योजना भवन, जयपुर में एक प्रकोष्ठ/केन्द्र स्थापित किया गया है।
-जिला स्तर पर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सतत् विकास लक्ष्य कार्यान्वयन एवं निगरानी समितियों का गठन किया गया है।
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