राजस्थान इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मेशन एंड इनोवेशन (RITI) के प्रमुख कार्य कौनसे हैं?

राजस्थान इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मेशन एंड इनोवेशन (RITI) 


राजस्थान इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मेशन एंड इनोवेशन (RITI) की स्थापना 3 मार्च, 2024 को मुख्यमंत्री राजस्थान आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद (CMRETAC) के स्थान पर की गई है। 

इसका गठन नीति आयोग की तर्ज पर किया गया है, जो राजस्थान को एक विकसित राज्य बनाने के लिए एक रोडमैप तैयार करेगा।

अध्यक्ष: मुख्यमंत्री
उपाध्यक्ष: आयोग के उपाध्यक्ष तथा पूर्णकालिक सदस्य का मनोनयन मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा जो ख्याति प्राप्त विषय विशेषज्ञ, लोकसेवक, समाज सेवक अथवा उद्यमी होंगे।

राजस्थान इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मेशन एंड इनोवेशन (RITI) के कार्य निम्नलिखित हैं:-

  • राज्य के विभिन्न प्रकार के संसाधनों (भौतिक, वित्तीय एवं जनशक्ति) का अनुमान लगाना और राज्य के वि​कास में इनके सर्वोत्तम उपयोग की नीति तैयार कर सुझाव देना। 
  • राष्ट्रीय एजेण्डा के उद्देश्यों, प्राथमिकताओं के साथ-साथ राज्य की आवश्यकताओं, संसाधनों व क्षमता को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रवार और कार्यक्रमवार अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन उपायों की संरचना के साथ ही क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए नीतियों एवं कार्यक्रमों पर सुझाव देना।
  • सतत विकास लक्ष्य (SDGs) तथा आपणो अग्रणी राजस्थान-संकल्प पत्र-2023 को केन्द्र में रखकर योजना निर्माण के संदर्भ में विभागों को सुझाव देना।
  • राज्य के विजन-2047 का निर्माण तथा तद्नुसार नीति निर्धारण एवं कार्यवाही।
  • सरकार द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति की आवश्यकतानुसार समीक्षा एवं मूल्यांकन करना तथा उनमें सुधार हेतु सुझाव देना।
  • राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल नीतियों व सिद्धांतों का अध्ययन कर राज्य में उनके कार्यान्वयन के संबंध में सुझाव देना।
  • आमजन के जीवन स्तर में सुधार हेतु तंत्र विकसित करना तथा राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में अवरोध उत्पन्न करने वाले कारकों को चिन्हित करना तथा विकास एजेण्डा के सफल क्रियान्वयन हेतु समाधान ढूंढ़ना।
  • सार्वजनिक निजी सहभागिता (PPP) मॉडल के माध्यम से उपलब्ध वित्तीय स्रोतों/संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग के लिए पर्यावरण और ​आर्थिक सुधारों के परिप्रेक्ष्य में यथासम्भव सुझाव देना और विकास कार्यों के परिणामों का नियमित रूप से मूल्यांकन करके सुझाव देना।
  • सूचना प्रौद्योगिकी तथा आधुनिक संचार साधनों का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित करना तथा उच्च तकनीकी संस्थाओं से समन्वय कर ज्ञान हस्तान्तरण का लाभ प्राप्त करना, साथ ही संसाधन केन्द्र (Resource Centre) एवं ज्ञान केन्द्र  (Knowledge Hub) के रूप में कार्य करना। विकास कार्यों की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा करते हुए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करना।
  • RITI की सिफारिशों को लागू करने के लिए संबंधित विभागों को समय-समय पर मार्गदर्शन प्रदान करना एवं आवश्यकतानुसार सुधार/संशोधन के सुझाव देना।

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