Siddh Sahitya Ki Yoginiyan
निम्नलिखित में से कौन-सा नाम सिद्ध परम्परा की योगिनी का नहीं, बल्कि योगी का है?
1. पुतलिपा
2. मणिभद्रपा
3. कनखलापा
4. लक्ष्मीकरा
उत्तर- 1
- पुतलिपा सिद्ध परंपरा का योगी है न कि योगिनी। सिद्ध परम्परा की योगिनियों के नाम: कनखलापा, मेखलापा, लक्ष्मीकरा, मणिभद्रा।
- सिद्धों की संख्या 84 है, जिनमें 4 महिलाएं भी शामिल थीं। इनका केंद्र श्रीपर्वत था।
- सिद्धों ने सन्धा भाषा शैली का प्रयोग किया है।
- सिद्धों का प्रभाव नाथों से होता हुआ भक्तिकालीन निर्गुण संत कवियों पर पड़ा और उन्होंने उलटबासियां लिखीं।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने चौरासी सिद्धों के नामों का वर्णन किया है।
'नगर बाहिरे डोंबी तोहरि कुड़िया छई।
छोइ जाइ सो बाह्य नाड़िया।'
उपर्युक्त काव्य पंक्तियां किसकी रचना है?
1. सरहपा
2. कण्हपा
3. लुइपा
4. डोंभिपा
उत्तर- 2
''कण्हपा पांडित्य और कवित्त्च में बेजोड़ थे।''- राहुल सांकृत्यायन
''आक्रोश की भाषा का पहला प्रयोग सरहपा में ही दिखाई देता है।''
- बच्चन सिंह
चौरासी सिद्धों में प्रथम सिद्ध हैं?
1. लुइपा
2. शबरपा
3. सरहपा
4. कण्हपा
उत्तर- 3
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